भारत के 10 छिपे हुए झरने जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना | Hidden Waterfalls in India

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By Anika Singh

“भारत के 10 छिपे हुए झरने जिन्हें आप नहीं जानते! लोकेशन, पहुंचने का तरीका और टिप्स जानें। अभी पढ़ें और इन अनदेखे नजारों को खोजें!”


भारत प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा देश है जहाँ हर तरफ खूबसूरती बिखरी पड़ी है। चाहे वह ऊँचे पहाड़ हों, हरे-भरे जंगल, या फिर शांत नदियाँ, भारत में हर प्रकृति प्रेमी के लिए कुछ न कुछ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ ऐसे झरने भी हैं जो अभी तक पर्यटकों की नज़रों से दूर हैं? ये झरने न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं बल्कि शांति और एकांत की तलाश करने वालों के लिए एकदम सही हैं।

क्या आपने कभी सोचा कि भारत की भीड़भाड़ और मशहूर टूरिस्ट स्पॉट्स से दूर कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जो अपनी खूबसूरती से आपको हैरान कर सकती हैं? 10 Hidden Waterfalls in India You’ve Never Heard Of उन अनछुए झरनों की कहानी है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। ये झरने न सिर्फ शांति और सुंदरता का अनुभव देते हैं, बल्कि आपको रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर ले जाकर तरोताजा करते हैं।

जब बात झरनों की आती है, तो लोग अक्सर दूधसागर (Dudhsagar Falls, Goa), जोग फॉल्स (Jog Falls, Karnataka), या शिवसमुद्रम की ओर भागते हैं। लेकिन भारत के कोने-कोने में कुछ ऐसे झरने छिपे हैं, जो अभी भी टूरिस्ट गाइडबुक्स से बाहर हैं। इस ब्लॉग में हम आपको 10 ऐसे झरनों से मिलवाएंगे, जो अपनी गोपनीयता और अनोखेपन के लिए खास हैं। हम बताएंगे कि ये कहां हैं, वहां कैसे पहुंचें, और इनके आसपास क्या-क्या खास है। तो तैयार हो जाइए एक ऐसी ट्रैवल जर्नी के लिए, जो आपके लिए नई मंजिलें खोलेगी!


1. कटलधर झरना (Kataldhar Waterfall)

Table of Contents

Kataldhar Waterfall
Kataldhar Waterfall
स्थान (Location):

महाराष्ट्र, लोनावला के पास, पुणे से लगभग 60 किलोमीटर दूर।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • मुंबई से लोनावला तक ट्रेन (लगभग 2 घंटे) या बस (3 घंटे)।
  • लोनावला से फनसाराई गांव तक टैक्सी या लोकल बस (10 किमी)।
  • फनसाराई से 4 किमी का ट्रेक, जो घने जंगल से गुजरता है।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

मानसून (जून से सितंबर), जब झरना अपनी पूरी शक्ति के साथ बहता है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • राजमाची किला: ट्रेकिंग और इतिहास का शानदार कॉम्बिनेशन।
  • लोनावला झील: सूर्यास्त के नजारे और नाव की सवारी।
  • भुशी डैम: भीड़ कम होने पर एक शांत जगह।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • ट्रेकिंग मध्यम स्तर की है, इसलिए अच्छे ट्रेकिंग शूज और वाटरप्रूफ बैग लें।
  • बारिश में रास्ता फिसलन भरा हो सकता है, सावधानी से चलें।
  • लोकल गाइड की मदद लेना बेहतर होगा।

कटलधर झरना महाराष्ट्र का एक अनदेखा रत्न है, जो 130 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यह लोनावला के आसपास की हलचल से दूर, घने जंगलों में छिपा है। मानसून में जब पानी की धारा चट्टानों से नीचे गिरती है, तो ऐसा लगता है मानो प्रकृति कोई संगीत बजा रही हो। मैंने पिछले साल इसे देखा था—ट्रेकिंग के बाद जब झरने की पहली झलक मिली, तो थकान गायब हो गई। यह उन जगहों में से है, जहां आप घंटों बैठकर बस पानी की आवाज सुन सकते हैं। Lonely Planet भी इस क्षेत्र को एडवेंचर ट्रैवलर्स के लिए सुझाता है।


2. वासुधारा फॉल्स (Vasudhara Falls)

Vasudhara Falls
Vasudhara Falls
स्थान (Location):

उत्तराखंड, चमोली जिला, बद्रीनाथ से 9 किमी दूर।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • दिल्ली से ऋषिकेश तक ट्रेन (5-6 घंटे) या बस (8 घंटे)।
  • ऋषिकेश से जोशीमठ तक टैक्सी या बस (250 किमी, 8-10 घंटे)।
  • जोशीमठ से माणा गांव तक टैक्सी (3 किमी), फिर 6 किमी का ट्रेक।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

मई-जून या सितंबर-अक्टूबर, जब मौसम साफ और ट्रेकिंग आसान होती है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • बद्रीनाथ मंदिर: आध्यात्मिक शांति के लिए दर्शन।
  • माणा गांव: भारत का आखिरी गांव, लोकल चाय और हैंडीक्राफ्ट्स।
  • भीम पुल: पौराणिक कहानियों से जुड़ा प्राकृतिक चमत्कार।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • ट्रेकिंग कठिन है, अच्छी फिटनेस जरूरी।
  • पानी और हल्का खाना साथ रखें, रास्ते में कुछ नहीं मिलेगा।
  • ठंड के लिए जैकेट लें, ऊंचाई पर हवा तेज होती है।

390 मीटर ऊंचा वासुधारा फॉल्स हिमालय की गोद में बसा एक खूबसूरत रहस्य है। यह झरना इतना शक्तिशाली है कि नीचे खड़े होने पर पानी की बूंदें हवा में उड़ती नजर आती हैं। माणा गांव के एक लोकल ने बताया, “यहां का पानी इतना ठंडा है कि लोग इसे ‘हिमालय का आशीर्वाद’ कहते हैं।” ट्रेक के दौरान बर्फीले पहाड़ों और हरियाली का नजारा आपको थकने नहीं देगा। यह जगह अभी भी कम टूरिस्ट्स के कारण शांत और साफ-सुथरी है।


3. चिनेश्वर झरना (Chineshwar Waterfall)

Chineshwar Waterfall
Chineshwar Waterfall
स्थान (Location):

उत्तराखंड, पिथौरागढ़ जिला, चौकोरी से 8 किमी।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • दिल्ली से हल्द्वानी तक ट्रेन (5 घंटे) या बस (7 घंटे)।
  • हल्द्वानी से चौकोरी तक बस (200 किमी, 6-8 घंटे)।
  • चौकोरी से 5 किमी ड्राइव या लोकल टैक्सी।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

जुलाई से सितंबर, जब झरना और आसपास की हरियाली चरम पर होती है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • चौकोरी टी गार्डन: सुबह की सैर और चाय का मजा।
  • पatal भुवनेश्वर गुफा: रहस्यमयी गुफा मंदिर।
  • कसार देवी मंदिर: शांति और नजारा।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • पहुंच आसान है, फैमिली के साथ भी जा सकते हैं।
  • फोटोग्राफी के लिए सुबह का समय बेस्ट।
  • गाड़ी पार्किंग के लिए जगह सीमित, पहले पहुंचें।

48 मीटर ऊंचा चिनेश्वर झरना हिमालय की खूबसूरती को छोटे पैकेज में पेश करता है। यह इतना छिपा हुआ है कि ज्यादातर ट्रैवल गाइड्स में इसका जिक्र नहीं मिलता। मैंने चौकोरी की सैर के दौरान इसे देखा और हैरान रह गया कि इतनी खूबसूरत जगह इतनी अनजान कैसे है। यह पिकनिक के लिए परफेक्ट है—पानी की हल्की छींटें और चारों ओर हरियाली। यह जगह आपको शांति और प्रकृति का अनोखा संगम देती है।


4. विंधम झरना (Vindham Waterfall)

Vindham Waterfall
Vindham Waterfall
स्थान (Location):

उत्तर प्रदेश, मिर्जापुर, वाराणसी से 90 किमी।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • वाराणसी से मिर्जापुर तक ट्रेन (1 घंटा) या बस (2 घंटे)।
  • मिर्जापुर से 10 किमी ड्राइव, लोकल टैक्सी उपलब्ध।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

मानसून (जुलाई से अक्टूबर), जब झरना पूरे वेग में बहता है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • चुनार किला: इतिहास और नजारे का मिश्रण।
  • रानी दुर्गावती संग्रहालय: लोकल हेरिटेज की झलक।
  • विंध्याचल मंदिर: धार्मिक यात्रा।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • रास्ता थोड़ा कच्चा, चार पहिया गाड़ी बेहतर।
  • पानी में उतरने से पहले गहराई चेक करें।
  • बारिश में छाता या रेनकोट लें।

65 मीटर ऊंचा विंधम झरना मिर्जापुर का एक अनदेखा आश्चर्य है। घने जंगलों और चट्टानों के बीच यह झरना प्रकृति का एक शांत कोना है। मानसून में इसकी धारा इतनी तेज होती है कि दूर से ही इसकी गर्जना सुनाई देती है। एक लोकल गाइड ने बताया, “यहां टूरिस्ट कम आते हैं, इसलिए यह जगह अभी भी साफ और शांत है।” यह उन लोगों के लिए बेस्ट है जो भीड़ से दूर सुकून ढूंढते हैं।


5. लखनिया दारी झरना (Lakhaniya Dari Waterfall)

Lakhaniya Dari Waterfall
Lakhaniya Dari Waterfall
स्थान (Location):

उत्तर प्रदेश, मिर्जापुर, चुनार से 30 किमी।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • वाराणसी से चुनार तक बस (60 किमी, 1.5 घंटे)।
  • चुनार से 30 किमी ड्राइव, फिर 1 किमी पैदल रास्ता।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

अगस्त से अक्टूबर, जब पानी का बहाव और मौसम सही होता है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • चुनार का किला: फोटोग्राफी और इतिहास।
  • गंगा घाट: शांति और सूर्यास्त का नजारा।
  • लोकल मार्केट: सस्ती शॉपिंग।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • बड़े पत्थरों पर चलते वक्त सावधानी बरतें।
  • कैमरा जरूर लें, नजारा लाजवाब है।
  • दोपहर से पहले पहुंचें, धूप तेज हो सकती है।

150 मीटर ऊंचा लखनिया दारी झरना चुनार के जंगलों में छिपा एक रत्न है। यह झरना चारों ओर चट्टानों से घिरा है, और मानसून में इसकी भव्यता देखते ही बनती है। मैंने इसे पिछले साल देखा था—1 किमी की पैदल यात्रा के बाद जब झरने की आवाज सुनाई दी, तो लगा सारी मेहनत वसूल हो गई। यह जगह अभी भी टूरिस्ट मैप से बाहर है, जो इसे और खास बनाता है।


6. वनटांग झरना (Vantawng Waterfall)

Vantawng Waterfall
Vantawng Waterfall
स्थान (Location):

मिजोरम, आइजॉल से 137 किमी।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • गुवाहाटी से आइजॉल तक फ्लाइट (1 घंटा) या बस (12 घंटे)।
  • आइजॉल से वनटांग तक टैक्सी (4-5 घंटे)।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

अक्टूबर से मार्च, जब मौसम ठंडा और साफ होता है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • आइजॉल बाजार: लोकल हैंडीक्राफ्ट्स और खाना।
  • डर्टलांग हिल्स: ट्रेकिंग और नजारे।
  • मिजो हेरिटेज म्यूजियम: संस्कृति की झलक।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • रास्ता लंबा, लोकल गाइड लें।
  • बांस के जंगल का नजारा मिस न करें।
  • पानी में नहाने से बचें, धारा तेज है।

229 मीटर ऊंचा वनटांग झरना मिजोरम का सबसे ऊंचा झरना है। यह पहाड़ों और हरियाली के बीच बसा है, और इसकी शांति इसे खास बनाती है। एक ट्रैवलर ने लिखा, “यहां पहुंचने में समय लगा, लेकिन झरने की सुंदरता ने सारी थकान मिटा दी।” यह जगह नॉर्थईस्ट की अनछुई खूबसूरती को दर्शाती है।


7. बरहीपानी झरना (Barehipani Waterfall)

Barehipani Waterfall
Barehipani Waterfall
स्थान (Location):

ओडिशा, सिमलीपाल नेशनल पार्क, मयूरभंज जिला।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • भुवनेश्वर से बारिपदा तक ट्रेन (4 घंटे) या बस (5 घंटे)।
  • बारिपदा से सिमलीपाल तक टैक्सी (50 किमी), फिर 2 किमी ट्रेक।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

मानसून (जुलाई से सितंबर), जब झरना पूरे वेग में होता है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • सिमलीपाल सफारी: बाघ और जंगली जानवर देखें।
  • रामतीर्थ: प्रकृति और शांति का संगम।
  • बर्ड वॉचिंग: दुर्लभ पक्षी।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • नेशनल पार्क का परमिट पहले लें।
  • जंगल में सावधानी, गाइड जरूरी।
  • कैमरा और बायनोकुलर लें।

335 मीटर ऊंचा बरहीपानी भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है। सिमलीपाल के घने जंगल इसे एक रहस्यमयी आकर्षण देते हैं। मैंने इसे मानसून में देखा—ट्रेकिंग के बाद जब झरने की गर्जना सुनी, तो रोमांच से भर गया। यह जगह एडवेंचर और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।


8. कालिकोट झरना (Kalikot Waterfall)

Kalikot Waterfall
Kalikot Waterfall
स्थान (Location):

अरुणाचल प्रदेश, जीरो वैली, लोअर सुबनसिरी जिला।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • गुवाहाटी से तेजपुर तक बस (5 घंटे)।
  • तेजपुर से जीरो तक टैक्सी (300 किमी, 10 घंटे), फिर 5 किमी ट्रेक।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

अप्रैल से जून, जब मौसम साफ और ट्रेकिंग आसान होती है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • जीरो वैली: हरियाली और लोकल संस्कृति।
  • ताल्ले वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी: दुर्लभ जानवर।
  • अपातानी ट्राइब: लोकल खाना और ट्रेडिशन।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • ट्रेकिंग मुश्किल, गाइड लें।
  • परमिट जरूरी (अरुणाचल नियम)।
  • हल्का सामान और पानी साथ रखें।

कालिकोट झरना जीरो वैली का एक अनाम रत्न है। यूनेस्को हेरिटेज साइट के पास बसा यह झरना अपनी शांति से मन मोह लेता है। एक लोकल ने कहा, “यहां तक पहुंचना मुश्किल है, लेकिन नजारा हर मेहनत को भुला देता है।” यह जगह अभी भी टूरिस्ट रडार से बाहर है।


9. लैंगशियांग झरना (Langshiang Waterfall)

Langshiang Waterfall
Langshiang Waterfall
स्थान (Location):

मेघालय, वेस्ट खासी हिल्स, नोंगस्टोइन से 24 किमी।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • शिलांग से नोंगस्टोइन तक बस (100 किमी, 3 घंटे)।
  • नोंगस्टोइन से टैक्सी (24 किमी), फिर 2 किमी पैदल।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

जून से अक्टूबर, मानसून में सबसे खूबसूरत।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • नोंगखनम आइलैंड: छोटा सा द्वीप और ट्रेकिंग।
  • वेई स्पी झरना: पास का एक और नजारा।
  • लोकल मार्केट: मेघालय की मिठाइयां।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • नाव से पहुंचने का ऑप्शन, लोकल से पूछें।
  • खाना साथ लें, आसपास कुछ नहीं मिलेगा।
  • बारिश में छाता जरूरी।

337 मीटर ऊंचा लैंगशियांग मेघालय का तीसरा सबसे ऊंचा झरना है। यह हरियाली और चट्टानों के बीच बसा है। एक ट्रैवलर ने लिखा, “यहां का शोर और शांति का मिश्रण मुझे दूसरी दुनिया में ले गया।” यह जगह अभी भी कम खोजी गई है।


10. नुरानांग झरना (Nuranang Waterfall)

Nuranang Waterfall
Nuranang Waterfall
स्थान (Location):

अरुणाचल प्रदेश, तवांग, जंग गांव के पास।

कैसे पहुँचें (How to Reach):
  • गुवाहाटी से तवांग तक बस (500 किमी, 12-14 घंटे)।
  • तवांग से जंग तक टैक्सी (40 किमी), फिर 2 किमी ड्राइव।
सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit):

अक्टूबर से मार्च, जब ठंड और नजारा बेस्ट होता है।

आसपास क्या करें (Things to Do Nearby):
  • तवांग मठ: बौद्ध संस्कृति की झलक।
  • सेला पास: बर्फीले पहाड़ों का नजारा।
  • मदुरी झील: शांत और खूबसूरत।
विशेष टिप्स (Special Tips)
  • इनर लाइन परमिट लें (अरुणाचल नियम)।
  • ठंड के लिए गर्म कपड़े जरूरी।
  • पानी में न उतरें, बहुत ठंडा है।

100 मीटर ऊंचा नुरानांग झरना बर्फीले पहाड़ों के बीच एक शांत ठिकाना है। मैंने इसे नवंबर में देखा—साफ आसमान और ठंडी हवा के बीच यह झरना जादुई लगा। यह जगह कम भीड़ वाली और प्राकृतिक सुंदरता से भरी है।


इन झरनों की खासियत और ट्रैवल टिप्स (Specialties and travel tips of these waterfalls):

क्या बनाता है इन्हें खास? (What makes them special?) :
  • शांति और गोपनीयता: ये झरने बड़े टूरिस्ट हब से दूर हैं, जो इन्हें शांत और साफ रखता है।
  • एडवेंचर का रोमांच: ट्रेकिंग और जंगल का सफर इनकी यात्रा को यादगार बनाता है।
  • प्रकृति का संगम: हरियाली, पानी की गर्जना, और वन्यजीव इनकी सुंदरता को बढ़ाते हैं।
सामान्य ट्रैवल टिप्स (General Travel Tips) :
  • सुरक्षा: जंगली इलाकों में गाइड लें और ग्रुप में जाएं।
  • सामान: पानी, स्नैक्स, फर्स्ट-एड किट, और रेनकोट पैक करें।
  • लोकल मदद: रास्ते और मौसम की जानकारी लोकल लोगों से लें।
  • पर्यावरण: कचरा न फैलाएं, प्रकृति को संभालकर रखें।

विश्वसनीय स्रोत (Reliable Source):

  • India Today Travel – ट्रैवल डेस्टिनेशन्स पर न्यूज।
  • National Geographic India – प्रकृति और यात्रा की जानकारी।
  • Incredible India – ऑफिशियल टूरिज्म साइट।

FAQ Section

1. भारत का सबसे ऊँचा झरना कौन सा है?

भारत का सबसे ऊँचा झरना कुंचिकल झरना (Kunchikal Falls) है, जो कर्नाटक में स्थित है और 455 मीटर की ऊँचाई से गिरता है।

2. इन झरनों की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?

इन झरनों की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मानसून के बाद का होता है, जो आमतौर पर अक्टूबर से मार्च तक होता है।

3. क्या इन झरनों तक पहुँचना आसान है?

कुछ झरनों तक पहुँचना आसान है, जबकि कुछ झरनों तक पहुँचने के लिए ट्रेकिंग की आवश्यकता होती है। यह झरने की लोकेशन पर निर्भर करता है।

4. क्या इन झरनों के आसपास रुकने की अच्छी जगहें हैं?

हाँ, अधिकांश झरनों के आसपास रुकने के लिए होटल, गेस्ट हाउस और रिसॉर्ट्स उपलब्ध हैं। हालांकि, कुछ दूरस्थ झरनों के लिए आपको नजदीकी शहर में रुकना पड़ सकता है।

5. क्या इन झरनों की यात्रा के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता है?

हाँ, कुछ झरनों की यात्रा के लिए ट्रेकिंग गियर, वाटरप्रूफ कपड़े और अच्छे जूते की आवश्यकता होती है। साथ ही, सुरक्षा के लिए स्थानीय गाइड की सेवाएँ लेना भी उचित है।

6. क्या इन झरनों के आसपास खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है?

अधिकांश झरनों के आसपास छोटे-छोटे रेस्तरां और स्थानीय खाने के स्टॉल उपलब्ध हैं। हालांकि, दूरस्थ झरनों के लिए अपने साथ खाने-पीने का सामान ले जाना बेहतर होता है।

7. क्या इन झरनों की यात्रा के लिए कोई परमिट की आवश्यकता होती है?

कुछ झरनों, विशेषकर राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों में स्थित झरनों के लिए परमिट की आवश्यकता हो सकती है। यह जानकारी स्थानीय पर्यटन कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।


हमारी वेबसाइट पर आपको “भारत के 10 छिपे हुए झरने जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना | Hidden Waterfalls in India” के अलावा भी कई दिलचस्प और जानकारीपूर्ण लेख मिलेंगे। यहां कुछ संबंधित लिंक दिए गए हैं जिन्हें आप देख सकते हैं:

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