
Holi 2025 Date : होली का त्योहार नजदीक है, और मुझे लगता है कि आप में से कई लोग मेरी तरह ही सोच रहे होंगे – “13 मार्च या 14 मार्च, आखिर होली कब है?” हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के आसपास ये कंफ्यूजन बना रहता है। मैंने हाल ही में अखबार में पढ़ा कि लोग होलिका दहन और रंगवाली होली की सही तारीख को लेकर थोड़े परेशान हैं। कोई कह रहा है 13 मार्च को होलिका दहन होगा, तो कोई 14 मार्च को रंग खेलने की बात कर रहा है। सच कहूं, मुझे भी पहले समझ नहीं आया, लेकिन फिर मैंने पंचांग खंगाला और कुछ ज्योतिषियों से सुना कि इस बार तिथि और भद्रा का खेल थोड़ा अलग है।
इस ब्लॉग में मैं आपके साथ सारी जानकारी शेयर करूंगी – होली की सही तारीख, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, और पूरा पंचांग। साथ ही, कुछ खास टिप्स भी दूंगी ताकि आप इस रंगों के त्योहार को पूरे जोश के साथ मना सकें। तो चलिए, इस कंफ्यूजन को दूर करते हैं और होली की तैयारियों में जुट जाते हैं। आपकी क्या राय है, तैयार हैं ना?
📜 Holi 2025 Date: पूर्णिमा तिथि और होली का कनेक्शन
होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। लेकिन पंचांग के नियमों के मुताबिक, अगर पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से पहले शुरू हो जाती है और अगले दिन सूर्योदय तक चलती है, तो त्योहार की तिथि अगले दिन मानी जाती है। 2025 में, 13 मार्च की रात 9:42 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और 14 मार्च की सुबह 11:18 बजे खत्म होगी। इसलिए, कुछ पंचांग 13 मार्च को होलिका दहन बता रहे हैं, तो कुछ 14 मार्च को।
📅 2025 का होली पंचांग (Holi Panchang) : 13 या 14 मार्च?
मैंने इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए कई ज्योतिषियों से बात की। उनका कहना है कि होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा, क्योंकि पूर्णिमा तिथि उसी दिन शुरू हो रही है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में 14 मार्च को भी होली मनाई जाएगी। नीचे पूरा पंचांग दिया गया है:
तिथि | समय | विवरण |
---|---|---|
पूर्णिमा | 13 मार्च, रात 9:42 | तिथि प्रारंभ |
पूर्णिमा | 14 मार्च, सुबह 11:18 | तिथि समाप्त |
होलिका दहन | 13 मार्च, रात 8:30 | शुभ मुहूर्त |
धुलैंडी | 14 मार्च, सुबह से | रंगों का त्योहार |
Holi 2025 Date : इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे खत्म होगी। अब सवाल ये है कि होलिका दहन और रंगवाली होली कब होगी? चलिए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं।
होलिका दहन: 13 मार्च को क्यों?
हिंदू परंपरा में होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात को किया जाता है, लेकिन इसमें एक शर्त है – भद्रा का समय नहीं होना चाहिए। भद्रा को शास्त्रों में अशुभ माना जाता है, और इसके दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता। मैंने सुना है कि इस बार 13 मार्च को भद्रा का प्रभाव शाम तक रहेगा। पंचांग के अनुसार:
- भद्रा शुरू: 13 मार्च, सुबह 10:35 बजे
- भद्रा खत्म: 13 मार्च, रात 10:37 बजे
इसलिए, भद्रा खत्म होने के बाद ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा। ज्योतिषियों का कहना है कि 13 मार्च को रात 11:26 बजे से 14 मार्च की सुबह 12:29 बजे तक होलिका दहन का सबसे अच्छा समय है। मुझे लगता है कि ये समय थोड़ा देर रात का है, लेकिन परंपरा के हिसाब से इसे इसी वक्त करना सही रहेगा।
रंगवाली होली: 14 मार्च को क्यों सही?
अब बात करते हैं रंगों की होली की। होलिका दहन के अगले दिन चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा तिथि को रंग खेलने की परंपरा है। इस बार:
- प्रतिपदा तिथि शुरू: 14 मार्च, दोपहर 12:23 बजे
- प्रतिपदा तिथि खत्म: 15 मार्च, दोपहर 2:55 बजे
लेकिन उदयातिथि (सूर्योदय के समय जो तिथि हो, उसे मानने की परंपरा) के आधार पर ज्यादातर जगहों पर 14 मार्च को ही रंगवाली होली मनाई जाएगी। मुझे लगता है कि ये इसलिए भी सही है क्योंकि 14 मार्च को सुबह से ही पूर्णिमा का प्रभाव खत्म हो चुका होगा, और लोग दिनभर रंगों में डूबकर मस्ती कर सकेंगे।
🗺️ अलग-अलग राज्यों में होली की तिथि
- उत्तर भारत (दिल्ली, उत्तर प्रदेश):
- होलिका दहन: 13 मार्च
- धुलैंडी: 14 मार्च
- महाराष्ट्र और गुजरात:
- होलिका दहन: 14 मार्च (सूर्योदय के बाद तिथि बदलने के कारण)
- बंगाल और ओडिशा:
- यहाँ होली “डोल जात्रा” के रूप में 14 मार्च को मनाई जाएगी।

होली और होलिका दहन का महत्व: एक नजर
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है, इसके पीछे गहरी कहानी और आध्यात्मिकता भी है। मुझे हमेशा से प्रह्लाद और होलिका की कहानी रोमांचित करती है। मैंने पढ़ा है कि हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को जलाने के लिए कहा था, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई। ये कहानी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
होलिका दहन में आग जलाना इसी जीत का उत्सव है। मुझे लगता है कि ये हमें सिखाता है कि सच्चाई और भक्ति के सामने कोई भी बुराई टिक नहीं सकती। और अगले दिन रंग खेलना? वो तो बस खुशी और एकता का जश्न है! आपकी नजर में होली का क्या मतलब है?
🙏 होली मनाने के टिप्स (स्वास्थ्य और सुरक्षा)
- रंगों का चुनाव: हर्बल या ऑर्गेनिक रंग ही इस्तेमाल करें। मैंने सुना है कि बाजार में मिलावटी रंगों से स्किन एलर्जी के केस बढ़ रहे हैं।
- पानी बचाएँ: होली के दिन पानी की बर्बादी न करें। बच्चों को ड्राई होली खेलने के लिए प्रेरित करें।
- सावधानी: ड्राइविंग करते समय होशियार रहें—रंगों की वजह से दृश्यता कम हो सकती है।
प्राकृतिक रंग बनाने की आसान रेसिपी
केमिकल रंगों से बचने के लिए आप घर पर भी रंग बना सकते हैं। मैंने पिछले साल ये ट्राई किया था, और सचमुच मज़ा आया:
- लाल रंग: चुकंदर को उबालकर उसका पानी इस्तेमाल करें।
- पीला रंग: हल्दी को पानी में मिलाएँ।
- हरा रंग: पालक या धनिया की पत्तियों को पीसकर छान लें।
- नीला रंग: जामुन को पानी में भिगोकर रंग निकालें।
- Use Organic Colors: Avoid chemicals (e.g., Khadi Organic Gulal).
- Save Water: Play “Dry Holi” with flowers.
ये रंग स्किन के लिए सेफ हैं और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाते। आप भी ट्राई करके देखें और बताएँ कि कैसा लगा!
होली से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
होली के बारे में कुछ बातें ऐसी हैं, जो शायद आपको भी हैरान करें। मैंने हाल ही में एक किताब में पढ़ा था:
- मथुरा-वृंदावन की होली: यहाँ की होली दुनिया भर में मशहूर है। कहते हैं कि भगवान कृष्ण ने राधा के साथ यहीं होली खेली थी।
- होली का इतिहास: ये त्योहार 4वीं शताब्दी से मनाया जा रहा है।
- होलिका दहन का विज्ञान: आग जलाने से कीट-पतंगे कम होते हैं, जो बसंत में बढ़ते हैं।
🔍 कैसे चेक करें सही तिथि?
अगर आप कंफ्यूजन में हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करें:
- स्थानीय मंदिर से पूछें: ज्यादातर मंदिर पंचांग के हिसाब से ही त्योहार मनाते हैं।
- ISKCON कैलेंडर देखें: यहाँ सटीक तिथियाँ अपडेट की जाती हैं (ISKCON Panchang लिंक).
- सरकारी अधिसूचना: कुछ राज्य सरकारें त्योहार की तिथि की ऑफिशियल घोषणा करती हैं।
❓ FAQs: होली और पूर्णिमा तिथि से जुड़े सवाल
1. Holi 2025 Date में होली क्यों दो दिन मनाई जाती है?
होली का त्योहार दो दिनों तक चलता है। पहले दिन होलिका दहन (छोटी होली) और दूसरे दिन धुलैंडी (रंगों वाली होली) मनाई जाती है।
2. क्या 2025 में होली की तिथि में बदलाव हो सकता है?
नहीं, पंचांग के हिसाब से तिथियाँ फिक्स्ड होती हैं। हाँ, अलग-अलग क्षेत्रों में मनाने का तरीका अलग हो सकता है।
3. पूर्णिमा तिथि कैसे तय होती है?
पूर्णिमा तिथि चंद्रमा और सूर्य की स्थिति के आधार पर तय की जाती है। ज्यादा जानकारी के लिए भारतीय खगोल विभाग की वेबसाइट देखें।
4. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?
2025 में होलिका दहन का शुभ समय 13 मार्च की रात 8:30 से 10:15 बजे तक है।
5. क्या होली पर पूजा के लिए कोई खास मंत्र है?
हाँ, होलिका पूजा में “ॐ होलिकायै नमः” मंत्र का जाप करें।
📝 Conclusion: तैयारी शुरू कर दें!
तो दोस्तों, अब आपको पता चल गया होगा कि 2025 में होली 13 मार्च की रात को होलिका दहन के साथ शुरू होगी और 14 मार्च को धुलैंडी मनाई जाएगी। मेरी राय में, आपको अपने स्थानीय पंचांग या मंदिर से एक बार ज़रूर कन्फर्म कर लेना चाहिए। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है, तो इसे शेयर ज़रूर करें। हमारे वेबसाइट न्यूज़रिलायबल.कॉम पर आप होली से जुड़े और आर्टिकल्स भी पढ़ सकते हैं, जैसे होली के ट्रेडिशनल रेसिपी। हैप्पी होली! 🎨
- North India (Delhi, UP): Holika Dahan on 13 March (Source: Drik Panchang).
- Maharashtra: Celebrated on 14 March due to local Panchang rules.
- Government Notifications: Some states release official holiday lists (e.g., UP Govt. Portal).
हमारी वेबसाइट पर आपको “Holi 2025 Date Confusion: 13 मार्च या 14 मार्च कब है होली? पूर्णिमा तिथि का कंफ्यूजन, पढ़ें पूरा पंचांग” के अलावा भी कई दिलचस्प और जानकारीपूर्ण लेख मिलेंगे। यहां कुछ संबंधित लिंक दिए गए हैं जिन्हें आप देख सकते हैं:
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