Waqf Act 2024: नया कानून, नई बहस – जानिए पूरी कहानी!

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By impankaj.in@gmail.com

Waqf Act

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Waqf Act

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन कैसे होता है? या फिर Waqf Act क्या है और यह मुस्लिम समुदाय के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? Waqf Act, जिसे पहली बार 1954 में लागू किया गया था, भारत में मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों को नियंत्रित करने का एक कानूनी ढांचा है। लेकिन हाल ही में, Waqf Amendment Bill 2024 ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह बिल, जो अगस्त 2024 में लोकसभा में पेश किया गया, वक्फ एक्ट 1995 में बड़े बदलावों का प्रस्ताव करता है।

19 फरवरी 2025 तक, इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी है और अब यह संसद में चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन सवाल यह है—क्या यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाएगा या इससे नए विवाद पैदा होंगे? कुछ लोग इसे पारदर्शिता और समावेशिता की दिशा में एक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता पर हमला कहते हैं। इस लेख में, हम वक्फ एक्ट की मूल बातें, Waqf Amendment Bill 2024 के प्रस्तावित बदलाव, और संसद में चल रही बहस को विस्तार से समझेंगे। तो चलिए, इस रोचक और महत्वपूर्ण विषय की गहराई में उतरते हैं।


वक्फ एक्ट क्या है? (What Is Waqf Act?)

वक्फ एक इस्लामी परंपरा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक, पवित्र या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए स्थायी रूप से समर्पित कर देता है। भारत में, इस प्रथा को कानूनी रूप देने के लिए वक्फ एक्ट बनाया गया। पहला वक्फ एक्ट 1954 में लागू हुआ, जिसे बाद में 1995 में संशोधित किया गया। वक्फ एक्ट 1995 के तहत, वक्फ संपत्तियों को प्रबंधित करने के लिए हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड का गठन करना अनिवार्य है। इसके अलावा, केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council) इन बोर्डों को सलाह देती है।

वक्फ संपत्तियां मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मदरसों और अनाथालयों जैसे कार्यों के लिए उपयोग की जाती हैं। एक बार संपत्ति वक्फ घोषित हो जाए, तो यह ईश्वर की संपत्ति मानी जाती है और इसे बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। भारत में वक्फ बोर्ड 9.4 लाख एकड़ जमीन और 8.7 लाख संपत्तियों का मालिक है, जिसकी कीमत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। यह इसे भारतीय रेलवे और रक्षा विभाग के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी बनाता है।

वक्फ एक्ट 1995 की मुख्य विशेषताएं

  • वक्फ की परिभाषा: यह किसी भी चल या अचल संपत्ति का स्थायी समर्पण है जो इस्लाम में पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ माना जाता है।
  • वक्फ बोर्ड: प्रत्येक राज्य में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक बोर्ड।
  • सर्वे और पंजीकरण: वक्फ संपत्तियों का सर्वे और पंजीकरण अनिवार्य।
  • विवाद समाधान: वक्फ ट्रिब्यूनल विवादों को सुलझाने के लिए जिम्मेदार।

लेकिन समय के साथ, इस एक्ट में कई कमियां सामने आईं—like mismanagement, corruption, और संपत्तियों पर अतिक्रमण। इन समस्याओं को दूर करने के लिए Waqf Amendment Bill 2024 लाया गया।


Waqf Amendment Bill 2024 क्या है? (What Is Waqf Amendment Bill 2024?)

Waqf Amendment Bill 2024 को 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। यह बिल वक्फ एक्ट 1995 में लगभग 40 संशोधन प्रस्तावित करता है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता लाना है। बिल का नाम बदलकर “Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency, and Development Act, 1995” (UMEED) करने का भी प्रस्ताव है।

बिल के प्रमुख बदलाव

  1. वक्फ बनाने की शर्तें सख्त:
    • अब वक्फ केवल वही व्यक्ति बना सकता है जो कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहा हो और संपत्ति का मालिक हो।
    • “Waqf by user” (लंबे समय तक उपयोग से वक्फ) की मान्यता खत्म।
    • वक्फ-अलाल-औलाद (परिवार के लिए वक्फ) में महिलाओं सहित वारिसों के अधिकारों को सुनिश्चित करना।
  2. गैर-मुस्लिमों की भागीदारी:
    • केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
    • बोर्ड में कम से कम दो महिलाओं और दो गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति अनिवार्य।
  3. सरकारी नियंत्रण बढ़ा:
    • वक्फ संपत्तियों का सर्वे अब सर्वे कमिश्नर की जगह जिला कलेक्टर करेंगे।
    • अगर कोई संपत्ति सरकारी मानी जाती है, तो कलेक्टर इसका फैसला करेगा और रिकॉर्ड अपडेट करेगा।
    • वक्फ बोर्ड का संपत्ति को वक्फ घोषित करने का अधिकार खत्म।
  4. डिजिटाइजेशन और पारदर्शिता:
    • सभी वक्फ संपत्तियों को 6 महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य।
    • ऑडिट के लिए केंद्र सरकार को अधिकार, जिसमें CAG (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) शामिल हो सकता है।
  5. अपील का अधिकार:
    • वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को 90 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

बिल का उद्देश्य

सरकार का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और प्रबंधन को आधुनिक बनाएगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियों को लेकर हुए विवाद को आधार बनाया गया, जहां UPA सरकार के अंतिम दिनों में इन्हें वक्फ बोर्ड को सौंप दिया गया था।


संसद में Waqf Bill की बहस (Waqf Bill in Parliament)

Waqf Amendment Bill 2024 को लेकर संसद में तीखी बहस छिड़ी हुई है। इसे लेकर सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी INDIA गठबंधन आमने-सामने हैं। बिल को JPC (संयुक्त संसदीय समिति) के पास भेजा गया, जिसने 13 फरवरी 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश की। 19 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी।

सरकार का पक्ष

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह बिल मुस्लिम मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता। गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति सिर्फ प्रशासनिक सुधार के लिए है।”
  • किरेन रिजिजू ने इसे “न्याय और पारदर्शिता का कदम” बताया, जो मुस्लिम महिलाओं को भी सशक्त करेगा।
  • NDA के सहयोगी TDP और JD(U) ने बिल का समर्थन किया, हालांकि कुछ शर्तों के साथ।

विपक्ष का विरोध

  • कांग्रेस, AIMIM, और TMC जैसे दलों ने इसे “असंवैधानिक” और “मुस्लिम विरोधी” करार दिया।
  • AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “यह वक्फ को खत्म करने की साजिश है। गैर-मुस्लिमों को बोर्ड में शामिल करना धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।”
  • तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने PM मोदी को पत्र लिखकर बिल वापस लेने की मांग की।

JPC की सिफारिशें

  • “Waqf by user” को खत्म करने का फैसला रेट्रोस्पेक्टिव (पूर्व प्रभावी) नहीं होगा।
  • सर्वे के लिए कलेक्टर से ऊंचे रैंक के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
  • बोर्ड में शामिल सरकारी अधिकारी जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के होंगे।

वक्फ एक्ट और नए बिल का प्रभाव (Impact of Waqf Act and New Bill)

सकारात्मक प्रभाव

  1. पारदर्शिता: डिजिटल पंजीकरण और ऑडिट से भ्रष्टाचार कम हो सकता है।
  2. महिला सशक्तिकरण: बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी और वारिसों के अधिकारों की सुरक्षा।
  3. विवाद समाधान: हाई कोर्ट में अपील का प्रावधान ट्रिब्यूनल के फैसलों को संतुलित करेगा।

नकारात्मक प्रभाव

  1. स्वायत्तता पर सवाल: गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति और सरकारी हस्तक्षेप से मुस्लिम समुदाय की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
  2. ऐतिहासिक संपत्तियों का जोखिम: “Waqf by user” खत्म होने से पुरानी मस्जिदें और कब्रिस्तान खतरे में पड़ सकते हैं।
  3. कानूनी जटिलताएं: कलेक्टर का फैसला अंतिम होने से नए विवाद पैदा हो सकते हैं।

वास्तविक उदाहरण

  • दिल्ली वक्फ बोर्ड: 123 संपत्तियों का मामला अभी भी कोर्ट में है। नए बिल से ऐसे विवादों में सरकार की भूमिका बढ़ेगी।
  • उत्तर प्रदेश: 2014 का सर्वे अभी तक पूरा नहीं हुआ। डिजिटाइजेशन इसे तेज कर सकता है।

विशेषज्ञों की राय (Expert Opinions)

कानूनी विद्वान फैजान मुस्तफा कहते हैं, “यह बिल भ्रष्टाचार को रोकने में मददगार हो सकता है, लेकिन गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति ‘एक राष्ट्र, एक कानून’ के सिद्धांत के खिलाफ है। हिंदू धार्मिक ट्रस्ट में गैर-हिंदुओं की नियुक्ति की कल्पना नहीं की जा सकती।”

वहीं, इस्लामिक स्कॉलर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है, “वक्फ इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है। इसे सरकारी नियंत्रण में लाना धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।”


वक्फ संपत्तियों का महत्व (Significance of Waqf Properties)

वक्फ संपत्तियां सिर्फ जमीन या इमारतें नहीं हैं; ये मुस्लिम समुदाय की सामाजिक-आर्थिक उन्नति का आधार हैं। ये शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों की मदद के लिए इस्तेमाल होती हैं। लेकिन खराब प्रबंधन और अतिक्रमण ने इनके उद्देश्य को कमजोर किया है। क्या Waqf Amendment Bill 2024 इसे बदल पाएगा? यह समय बताएगा।


FAQ Section

1. वक्फ एक्ट क्या है?

वक्फ एक्ट भारत में मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाला कानून है। यह 1995 में लागू हुआ और वक्फ बोर्डों के जरिए संपत्तियों का प्रबंधन करता है।

2. Waqf Amendment Bill 2024 में क्या बदलाव प्रस्तावित हैं?

यह बिल वक्फ बनाने की शर्तें सख्त करता है, गैर-मुस्लिमों को बोर्ड में शामिल करता है, और सर्वे का जिम्मा कलेक्टर को देता है।

3. वक्फ संपत्ति क्या होती है?

वक्फ संपत्ति वह होती है जो धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित की जाती है, जैसे मस्जिद, कब्रिस्तान आदि।

4. क्या गैर-मुस्लिम वक्फ बना सकते हैं?

नए बिल के तहत नहीं। केवल 5 साल से इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ बना सकता है।

5. Waqf Bill in Parliament में क्यों विवाद है?

विपक्ष इसे मुस्लिम स्वायत्तता पर हमला मानता है, जबकि सरकार इसे सुधार का कदम कहती है।

6. वक्फ बोर्ड कितनी संपत्ति का मालिक है?

वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ जमीन और 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है।

7. क्या नए बिल से पारदर्शिता बढ़ेगी?

हां, डिजिटाइजेशन और ऑडिट से पारदर्शिता बढ़ सकती है, लेकिन सरकारी हस्तक्षेप चिंता का विषय है।


निष्कर्ष (Conclusion)

Waqf Act और Waqf Amendment Bill 2024 भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस का हिस्सा हैं। यह बिल पारदर्शिता और दक्षता लाने का वादा करता है, लेकिन इसके कुछ प्रावधान—like गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति और “waqf by user” को हटाना—विवादास्पद हैं। संसद में इसकी चर्चा न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को भी प्रभावित करेगी।

आप इस बिल के बारे में क्या सोचते हैं? क्या यह मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदायक? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस लेख को शेयर करके दूसरों तक पहुंचाएं। मेरी वेबसाइट पर वक्फ और अन्य कानूनी सुधारों के बारे में और जानने के लिए विजिट करें!


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