महाशिवरात्रि के 11 अद्भुत रहस्य

Mahashivratri ka Mahatva (शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?) 

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महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व माना जाता है। शिवपुराण में इसका उल्लेख मिलता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य मिलन हुआ था।  स्रोत: शिव पुराण, विद्येश्वर संहिता 

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का महत्व 

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इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से समस्त कष्टों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से जल, दूध, शहद, बेलपत्र और भस्म से अभिषेक किया जाता है।  स्रोत: यजुर्वेद 

ॐ नमः शिवाय' मंत्र जप का प्रभाव 

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महाशिवरात्रि के दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अद्भुत शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह पंचाक्षर मंत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।  स्रोत: शिवपुराण 

भगवान शिव के प्रिय बिल्वपत्र का रहस्य 

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बिल्वपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है क्योंकि इसमें त्रिशक्ति (सत्व, रज, तम) का संतुलन होता है। इसे चढ़ाने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।  स्रोत: शिवमहापुराण  

शिव तांडव – सृष्टि का नृत्य 

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भगवान शिव का तांडव नृत्य सृष्टि की रचना, पालन और संहार का प्रतीक है। इसे "शिव तांडव स्तोत्र" में विस्तार से वर्णित किया गया है।   स्रोत: रावणकृत शिव तांडव स्तोत्र 

महाशिवरात्रि और नंदी बैल का संबंध 

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नंदी शिव के वाहन और उनके अनन्य भक्त हैं। शिवालयों में नंदी को शिव तक अपनी प्रार्थना पहुंचाने का माध्यम माना जाता है।  स्रोत: शिव पुराण 

महाशिवरात्रि पर ‘ओम’ का उच्चारण क्यों करें? 

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ओम का उच्चारण शिव की ऊर्जा से जुड़ने का माध्यम है और यह मस्तिष्क को शांत करता है।  स्रोत: मंडूक्य उपनिषद 

शिव के विविध रूप और अभिव्यक्तियाँ 

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शिव के अनेक रूप – नटराज, भैरव, दामरेश्वर – उनके बहुआयामी चरित्र और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रदर्शन करते हैं।   स्रोत: शिव पुराण 

महाशिवरात्रि की रात्रि में विशेष संयोग 

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इस रात को शिव-तत्व पूरे ब्रह्मांड में सक्रिय रहता है। यह ऊर्जा साधना के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है और ध्यान-योग करने वालों के लिए अत्यंत शुभ होती है।  स्रोत: तंत्र शास्त्र 

शिवलिंग का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व 

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शिवलिंग सृष्टि की अनंत ऊर्जा का प्रतीक है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और ध्यान में सहायता करता है।  स्रोत: लिंग पुराण 

महाशिवरात्रि पर पंचामृत से अभिषेक का महत्व 

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पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से शिवलिंग का अभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।  स्रोत: स्कंद पुराण 

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— Anika Singh

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